Teri Mitti - Lyrical | Kesari | Akshay Kumar & Parineeti Chopra | Arko | B Praak| Manoj Muntashir - NA Lyrics
Song – Teri Mitti
Singers – B Praak
Music – Arko
Lyrics: Manoj Muntashir
Programmed & Arranged - Aditya Dev
String Section performed live - Prakash Verma & Team
Strings conducted - Aditya Dev
Strings Recorded - Pankaj Kaushik at Taaleem Studios
Mix & Master - Eric Pillai (Future Sound of Bombay)
Mix Assistant - Micheal
Music Supervisor - Azeem Dayani
Starring - Akshay Kumar & Parineeti Chopra
Directed by Anurag Singh
Produced by Hiroo Yash Johar, Aruna Bhatia, Karan Johar, Apoorva Mehta, Sunir Kheterpal
Co-Produced by Amar Butala
Written by Girish Kohli & Anurag Singh
Music on Zee Music Company
Lyrics
तलवारों पे सर वार दिये
अंगारों में जिस्म जलाया है
तब जा के कहीं हमने सर पे
ये केसरी रंग सजाया है
ऐ मेरी ज़मीं, अफ़सोस नही जो तेरे लिये १०० दर्द सहे
महफ़ूज़ रहे तेरी आन सदा, चाहे जान मेरी ये रहे ना रहे
ऐ मेरी ज़मीं, महबूब मेरी
मेरी नस-नस में तेरा इश्क़ बहे
"फीका ना पड़े कभी रंग तेरा, " जिस्मों से निकल के खून कहे
तेरी मिट्टी में मिल ਜਾਵਾਂ
गुल बनके मैं खिल ਜਾਵਾਂ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह ਜਾਵਾਂ
तेरे खेतों में ਲਹਰਾਵਾਂ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
सरसों से भरे खलिहान मेरे
जहाँ झूम के ਭੰਗੜਾ पा ना सका
आबाद रहे वो गाँव मेरा
जहाँ लौट के वापस जा ना सका
ओ ਵਤਨਾ ਵੇ, मेरे ਵਤਨਾ ਵੇ
तेरा-मेरा प्यार निराला था
कुरबान हुआ तेरी अस्मत पे
मैं कितना ਨਸੀਬਾਂ वाला था
तेरी मिट्टी में मिल ਜਾਵਾਂ
गुल बनके मैं खिल ਜਾਵਾਂ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह ਜਾਵਾਂ
तेरे खेतों में ਲਹਰਾਵਾਂ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
केसरी
ओ हीर मेरी, तू हँसती रहे
तेरी आँख घड़ी भर नम ना हो
मैं मरता था जिस मुखड़े पे
कभी उसका उजाला कम ना हो
ओ माई मेरी, क्या फ़िक्र तुझे?
क्यूँ आँख से दरिया बहता है?
तू कहती थी, तेरा चाँद हूँ मैं
और चाँद हमेशा रहता है
तेरी मिट्टी में मिल ਜਾਵਾਂ
गुल बनके मैं खिल ਜਾਵਾਂ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह ਜਾਵਾਂ
तेरी फ़सलों में ਲਹਰਾਵਾਂ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
केसरी
अंगारों में जिस्म जलाया है
तब जा के कहीं हमने सर पे
ये केसरी रंग सजाया है
ऐ मेरी ज़मीं, अफ़सोस नही जो तेरे लिये १०० दर्द सहे
महफ़ूज़ रहे तेरी आन सदा, चाहे जान मेरी ये रहे ना रहे
ऐ मेरी ज़मीं, महबूब मेरी
मेरी नस-नस में तेरा इश्क़ बहे
"फीका ना पड़े कभी रंग तेरा, " जिस्मों से निकल के खून कहे
तेरी मिट्टी में मिल ਜਾਵਾਂ
गुल बनके मैं खिल ਜਾਵਾਂ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह ਜਾਵਾਂ
तेरे खेतों में ਲਹਰਾਵਾਂ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
सरसों से भरे खलिहान मेरे
जहाँ झूम के ਭੰਗੜਾ पा ना सका
आबाद रहे वो गाँव मेरा
जहाँ लौट के वापस जा ना सका
ओ ਵਤਨਾ ਵੇ, मेरे ਵਤਨਾ ਵੇ
तेरा-मेरा प्यार निराला था
कुरबान हुआ तेरी अस्मत पे
मैं कितना ਨਸੀਬਾਂ वाला था
तेरी मिट्टी में मिल ਜਾਵਾਂ
गुल बनके मैं खिल ਜਾਵਾਂ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह ਜਾਵਾਂ
तेरे खेतों में ਲਹਰਾਵਾਂ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
केसरी
ओ हीर मेरी, तू हँसती रहे
तेरी आँख घड़ी भर नम ना हो
मैं मरता था जिस मुखड़े पे
कभी उसका उजाला कम ना हो
ओ माई मेरी, क्या फ़िक्र तुझे?
क्यूँ आँख से दरिया बहता है?
तू कहती थी, तेरा चाँद हूँ मैं
और चाँद हमेशा रहता है
तेरी मिट्टी में मिल ਜਾਵਾਂ
गुल बनके मैं खिल ਜਾਵਾਂ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह ਜਾਵਾਂ
तेरी फ़सलों में ਲਹਰਾਵਾਂ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
केसरी
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